


लोहाघाट की भारी कढ़ाई देश विदेश में प्रसिद्ध है, लेकिन इस समय हल्द्वानी में चल रहे सरस आजीविका मेले में लोहाघाट की कढ़ाई को टक्कर दे रही है केरल की काली कढ़ाई, कैसे देखिये इस रिपोर्ट में….
ग्राम विकास मंत्रालय भारत सरकार के तत्वाधान में हल्द्वानी के एमबी ग्राउंड में सरस आजीविका मेला चल रहा है। एक मार्च से 10 मार्च तक चलने वाले इस मेले में लोग भारी संख्या में पहुंच रहे है। खास बात ये है कि इसी सरस मेले में चंपावत जिले के लोहाघाट की प्रसिद्ध लोहे की कढ़ाई को केरल की कढ़ाई टक्कर टक्कर दे रही है, लोहाघाट के पूर्णागिरी स्वयं सहायता समूह की लोहे की कढ़ाई लोगों खूब पसंद की जा रही है। लोग बड़ी संख्या में इसे खरीदकर अपने घर ले जा रहे है। समूह से नारायणी देवी ने बताया कि लोहाघाट की लोहे की कढ़ाई की डिमांड बहुत है। देश-विदेश तक यहां की कढ़ाई भेजी जाती है। उन्होंने बताया कि यह कड़ाई मशीन और लोहे की चादर से नहीं बल्कि लोहे को चीड़ की छाल में पकाकर फिर हाथों से हथौड़े से पीट-पीट कर बनाया जाता है। इस कड़ाई में बने खाना खाने से शरीर स्वास्थ्य रहता है। इससे आयरन की कमी नहीं होती। नारायणी देवी ने बताया कि कढ़ाई के साथ फ्राइपेन, करछी, तवा, चाकू समेत कई आइटम्स बना कर बेचे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही अब लोहे से बने प्रेशर कुकर भी बनाने जा रहे है।
केरल से लक्ष्मी प्रिया और उन्नी एमआर भी सरस आजीविका मेले में पहुंचे हैं। उन्होंने अपने स्टॉल पर लोहे से बने किचन क्रॉकरी की प्रदर्शनी लगाई है। यहां केरल की मशहूर लोहे की कढ़ाई और बर्तन उपलब्ध हैं। साथ चाकू, छुरी और फरसा भी मिल रहा है। लक्ष्मी प्रिया ने बताया कि उनके द्वारा बनाए गए लोहे के बर्तन वजन में हल्के होते हैं जिससे किचन में काम करने में परेशानी नहीं होती। साथ इसमें बने खाने से भरपूर आयरन मिलता है। उन्होंने कहा कि लोगों को लोहे से बने केरल के बर्तन काफी पसंद आ रहे हैं। लोग काफी संख्या में खरीदारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां सरस आजीविका मेले में आकर उन्हें काफी खुशी मिल रही है और अच्छी आजीविका भी मिल रही है।
सरस आजीविका मेले में कुल 250 स्टॉल लगाए गए हैं। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के 74 और उत्तराखंड राज्य के 117 समूहों के स्टॉल के अतिरिक्त अन्य व्यावसायिक स्टॉल लगाए गए हैं। साथ ही देश भर के स्वयं सहायता समूहों द्वारा अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है। जिससे अब तक की बिक्री 92 लाख 50 हज़ार की हो चुकी हैं,
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