उत्तराखंड में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी खबर सामने आई है। उधम सिंह नगर जिले में फर्जी स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनाकर सहायक अध्यापक की नौकरी पाने वाले टीचरों पर अब कार्रवाई शुरू हो गई है।
बाजपुर, बीते वर्ष सहायक अध्यापक पद पर तैनात शोभित सिंह को फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाने के चलते निलंबित कर दिया गया है। उनके निलंबन की खबर से पूरे जिले में हड़कंप मच गया है और विभाग में खलबली मची हुई है।
जानकारी के अनुसार शोभित सिंह को राजकीय प्राथमिक विद्यालय नई आबादी हरसान बाजपुर में नियुक्त किया गया था। हालांकि कुछ माह बाद ही उनके खिलाफ शिकायत मिली जिसमें आरोप था कि उन्होंने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का स्थायी निवास प्रमाण पत्र और ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनवाकर नौकरी हासिल की थी।
जांच में क्या सामने आया:
डीईओ प्रारंभिक हरेंद्र कुमार मिश्र ने मामले की जांच उप शिक्षा अधिकारी बाजपुर को सौंपी। जांच में पाया गया कि शोभित सिंह ने डीएलएड के लिए उत्तर प्रदेश और सहायक अध्यापक के लिए उत्तराखंड का स्थायी निवास प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनवाया था। इसके बाद उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले में सहायक अध्यापक के 309 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। इस दौरान बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इनमें से 40 से अधिक उम्मीदवारों को मेरिट और शपथ पत्र के आधार पर नौकरी दी गई थी…जिसमें शोभित सिंह भी शामिल थे।
अब फर्जी तरीके से सहायक अध्यापक बनने वाले अन्य शिक्षकों की भी नौकरी पर तलवार लटक रही है…और विभाग ने इस दिशा में कार्रवाई तेज कर दी है।

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