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हल्द्वानी– अध्यक्ष डॉ0 गीता खन्ना उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षता में शुक्रवार को सर्किट हाउस काठगोदाम में चिकित्सा विभाग ,शिक्षा, श्रम, समाज कल्याण, बाल विकास, पुलिस विभाग के साथ ही सम्बन्धित विभागों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में डॉ. खन्ना को सभी रेखीय विभागों के अधिकारियों नेे सुझाव देते हुए कहा कि हमे विभिन्न चुनौतियों का समाना करना पड़ता है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष को बताया कि जिन स्कूल को लोगों द्वारा भूमि स्कूल के लिए दान दी गई है उन ऐसे स्कूल पर कार्य करने में परेशानियों का सामना करना पडता है। उन्होंने कहा बाल अधिकारों के संबंध में, समाज के सभी वर्गो में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना तथा बाल अधिकारों से संबंधित वर्तमान रक्षोपायांें का प्रकाशनों, गोष्ठियों एवं अन्य माध्यमों से जन जागरूकता कार्यक्रमों अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करा जाये। जिससे आम जनमानस को उसकी जानकारियां आसानी से मिल सके।
डॉ. खन्ना ने कहा कि बाल्यावस्था को प्रभावित करने वाले कारण जैसे हिंसा,प्राकृतिक आपदा, घरेलू हिंसा, बाल व्यापार, प्रताड़ना तथा शोषण आदि मामलों पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बाल तस्करी, बाल श्रम की विस्तृत जानकारी भी दी तथा बच्चों में मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम करने हेतु अलग सैल बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया जिसमें अवगत कराया गया कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे एवं जिन बच्चो के माता पिता कार्यलय/दैनिक कार्यों से घर से बाहर रहने पर बच्चों के अन्दर कुप्रवृत्ति विकसित हो रही है। जिसके रोकथाम की आवश्यकता है। उन्होंने कहा केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार अन्य प्राधिकारी द्वारा संचालित अथवा किसी स्वंय सेवी संस्था द्वारा संचालित बाल संप्रेषण गृहों, बाल सुधार गृहों एवं बच्चों से संबंधित अन्य स्थानों, जहां पर बच्चों को इलाज,सुधार एवं संरक्षण हेतु रखा गया है उनका समय-समय पर निरीक्षण करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।

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बैठक में सदस्य सुमन राय, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 भागीरथी जोशी,एसपी सिटी हरबंश सिंह, अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार जोशी, जिला बाल विकास अधिकारी मुकुल चौधरी,जिला प्रोवेशन अधिकारी वर्षा,श्रम अधिकारी पूनम काण्डपाल के साथ ही विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे