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नैनीताल जिले के चौसला गांव में बाहरी व्यक्तियों द्वारा लगातार खरीदी जा रही जमीन और डेमोग्राफिक चेंज का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है, डेमोग्राफ़िक चेंज की आशंका को लेकर को हल्द्वानी तहसील में हिंदूवादी संगठनों ने मिलकर प्रदर्शन किया। इस दौरान शिकायतकर्ता और हिंदूवादी नेता विपिन पांडे ने बताया की उनके द्वारा चौसला गांव में 1 साल पूर्व डेमोग्राफिक चेंज होने और बाहरी व्यक्तियों द्वारा लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन खरीद कर रजिस्ट्री किए जाने की शिकायत अधिकारियों से की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई….
डेमोग्राफ़िक चेंज और बाहरी ब्यक्तियो के ज़मीन लेने के विरोध को लेकर हो रहे प्रदर्शन की ये तस्वीरें हल्द्वानी तहसील परिसर की हैँ, लोंगो ने दो टूक शब्दों में प्रशासन को चेताया की चौसला में फैक्ट्री और अन्य खरीदी गयी ज़मीनों पर कार्यवाही नहीं हुई तो वे बड़े आंदोलन से गुरेज़ नहीं करेंगे, हिन्दू संगठनों ने आरोप लगाया की शिकायत के बावजूद भी बाहरी व्यक्तियों द्वारा रजिस्ट्री किए जाने का सिलसिला नहीं रोका गया और इन सब में तहसील प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध है,  लिहाजा पूरे मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर आज तहसील परिसर में पूरे दिन गहमा गहमी और हंगामें का माहौल रहा, अधिकारियों से तीखी नोकझोंक भी हुई, अंत में शिकायतकर्ताओं ने SDM से मांग की की संबंधित क्षेत्र में लगी फैक्ट्री को 2 दिन के भीतर सील करने और 15 दिन के भीतर जमीन पर भी कार्रवाई करें,

हल्द्वानी के मेयर गजराज बिष्ट एक बार फिर दोहराया की इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए, इस पूरे मामले में कौन-कौन अधिकारियों की मिलीभगत है उसकी भी जांच होनी चाहिए,
  चौसला मामले पर SDM हल्द्वानी का कहना है  संबंधित मामले में जांच करके रिपोर्ट कुमाऊं कमिश्नर को सौंप दी गई है और संबंधित अतिक्रमण और बाहरी व्यक्तियों द्वारा खरीदे गए मामले में वैधानिक कार्रवाई भी की जा रही है। SDM ने स्वीकार किया की चौसला में चल रही फैक्ट्री का हिस्सा सरकारी जमीन पर भी आ रहा है जिसको तोड़ने के लिए संबंधित को नोटिस जारी किया गया है, यदि 15 दिन के अंदर उसने फैक्ट्री का हिस्सा सरकारी जमीन से नहीं हटाया तो उसको प्रशासन बलपूर्वक हटा देगा,

चौसला मामले में तहसील के अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच कर उच्च अधिकारियों के भेज दी गई है, लेकिन अभी तक जो मामला सामने आए हैं उसके मुताबिक पूरे मामले में रेरा के नियमों का उल्लंघन हुआ है और कॉलोनी भी कहीं से पंजीकृत नहीं है, अब देखना है कि लोगों की विरोध प्रदर्शन के बाद अगले 15 दिन के अंदर प्रशासन चौसा में हो रही जमीन की खरीद फरोख्त के खिलाफ क्या कदम उठाता है,

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चौसला मामले पर आम जनता के प्रशासन से सवाल :

चौसला में सभी जमीने 300, 500 फीट और 700 फीट की खरीदी गई है, और सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि 300 और 500 फिट की जगह में क्या मकान बनेगा, क्या कारोबार और कैसे नक्शा पास किया जा सकेगा,

इसके अलावा जो कॉलोनी वहां काटी गई है उसका नक्शा कब और कहां पास हुआ?

  *जमीन लेने वाले कौन लोग हैं*, वह लोग कहां से और किस उद्देश्य से आए हैं इसका कोई परीक्षण नहीं हुआ है,

300, 500 और 700 फीट जमीन खरीदने के पीछे मुख्य उद्देश्य सरकारी जमीन पर कब्जा करना है, आखिर अधिकारी इस मामले क्यों काम नहीं कर रहे?

छोटे-छोटे प्लाटों को खरीदने के पीछे असल मकसद क्या है?

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