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हल्द्वानी: कमिश्नर कुमाऊं दीपक रावत ने  तहसील परिसर में पार्किंग व्यवस्थाओं को परखा तो पता चला की वाहन पार्किंग के नाम पर जो शुल्क की पर्ची आपको दी जा रही है उसमें यह साफ नहीं है की शुल्क आपसे कार पार्किंग का लिया जा रहा है या स्कूटी या अन्य किसी दो पहिया वाहन का, शुल्क पर्ची में कार और बाइक तो छपा है लेकिन पार्किंग शुल्क की पर्ची आपको देते समय शुल्क जिस गाड़ी का लिया जा रहा है उसको कोड नहीं किया जाता मतलब पर्ची से यह तय नहीं किया जाता कि आप पार्किंग शुल्क बाइक का दे रहे हैं या फिर कार का, कमिश्नर दीपक रावत ने जब यह जानना चाहा की 3 अगस्त को पार्किंग के नाम पर कितना शुल्क वसूला जा चुका है तो वाहन पार्किंग का काम देखने वाले लोग इस बात का संतुष्ट जवाब नहीं दे सके जिस पर कुमाऊं कमिश्नर ने कड़ी नाराजगी जताई है,

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